ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वहां 9,700 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं जिनमें 4,800 बच्चे भी शामिल हैं। तो क्या ये आँकड़े ग़लत हैं? कफ़न में लिपटी लाश को हिलता हुआ क्यों बताया गया? जानें सच!
नफ़रत समाज में किस हद तक और कहाँ-कहाँ घुस गई है? इस सवाल का जवाब शायद झारखंड में स्थानीय प्रशासन के चुनाव में एक प्रत्याशी के नामांकन भरने के दौरान एक वीडियो से मिल सकता है।
यूक्रेन में रूस के हमले के बाद भारतीयों को बचाने के लिए युद्ध क्षेत्र में भारतीय विमान उतरने के दावे किस आधार पर किए जा रहे हैं? जानिए, कैसे ग़लत है यह दावा।
त्रिपुरा पुलिस ने पानीसागर की एक मसजिद की कुछ तसवीरें साझा करते हुए दावा किया है कि मसजिद में आगजनी नहीं हुई, लेकिन क्या सच में किसी मसजिद में आगजनी नहीं हुई? जानिए पुलिस का दावा कितना सच है।
प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद वायरल हुई मोदी को महान बताकर ख़बर के तौर पर पेश करने वाली तसवीर को न्यूयॉर्क टाइम्स पर सफ़ाई क्यों जारी करनी पड़ी?
जिस 'कोविड टूलकिट' को कांग्रेस का बताया जा रहा है और जिसे केंद्र सरकार के मंत्रियों से लेकर बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं ने शेयर किया था उस 'कोविड टूलकिट' को एआईसीसी के जाली लेटरहेड पर बनाया गया था।
सांसद बदरुद्दीन अजमल चर्चा में हैं। एक वीडियो क्लिप को लेकर।उस छेड़छाड़ वाले वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'इसी भारत पर मुग़लों ने 800 साल राज किया। इस देश को इस्लामिक राष्ट्र बनायेंगे...।'
प्रधानमंत्री मोदी की कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में रविवार की रैली की उनकी पार्टी और समर्थकों की ओर से ऐसी-ऐसी तसवीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं जो दूसरी पार्टियों की रैलियों की थीं।
सोशल मीडिया पर दो तसवीरें शेयर कर अर्णब गोस्वामी की पिटाई का दावा किया जा रहा है। आख़िर यह तसवीर सोशल मीडिया पर क्यों साझा की जा रही है और इसको साझा करने वाले लोग कौन हैं?
एक तसवीर में अमिताभ बच्चन से हाथ मिलाते अशोक चव्हाण को दाऊद इब्राहिम बताकर अमिताभ बच्चन को भला बुरा कहा गया, जबकि वास्तविकता यह है कि वह महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के साथ खड़े थे।
लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ को लेकर जब राहुल गाँधी ने सवाल पूछे तो चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स का पत्रकार होने का दावा करने वाले एक यूजर के जवाब को धड़ाधड़ रीट्वीट मिलने लगे।