वो युद्ध ही क्या जिसमें प्रोपेगेंडा न हो! फ़ेक न्यूज़ प्रोपेगेंडा का सबसे बड़ा हथियार है। और इसका इस्तेमाल भी इज़राइल-हमास युद्ध में ख़ूब हो रहा है। कहा जाता है कि युद्ध प्रोपेगेंडा से भी जीते जा सकते हैं। प्रथम विश्वयुद्ध हो या द्वितीय या फिर इराक वार या अन्य कोई भी युद्ध, प्रोपेगेंडा हर युद्ध में सामने आता रहा है। कुछ ऐसा ही प्रोपेगेंडा हमास-इज़राइल युद्ध में लगातार इस्तेमाल हो रहा है!
इज़राइल के फेक न्यूज़ का फैक्टचेक भारत में, जानें कफ़न में लिपटी लाश का सच!
- असत्य
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- 7 Nov, 2023
ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वहां 9,700 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं जिनमें 4,800 बच्चे भी शामिल हैं। तो क्या ये आँकड़े ग़लत हैं? कफ़न में लिपटी लाश को हिलता हुआ क्यों बताया गया? जानें सच!

इज़राइल हमास के बीच युद्ध में सबसे ज़्यादा प्रोपेगेंडा मौतों पर हो रहा है। गज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वहां 9,700 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं जिनमें 4,800 बच्चे भी शामिल हैं। मौत के कई दावों को इज़राइल फ़ेक न्यूज़ बता चुका है। सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर यहाँ तक कह दिया गया कि कफन में लिपटी लाशें हिल रही थीं यानी दावा किया गया कि ज़िंदा लोगों को मरा हुआ बताने की कोशिश की जा रही है। इज़राइली सेना के ऐसे ही एक दावों पर ऑल्ट न्यूज़ ने फैक्ट चेक किया। इसको लेकर वरिष्ठ पत्रकार पंकज पचौरी ने ट्वीट किया है, 'भारतीय फैक्ट चेकर्स अब इज़राइली सेना की पोस्टों को सुधार रहे हैं। यही वैश्वीकरण है।'