सोशल मीडिया पर तो छोड़िए, टीवी चैनलों पर दिखाए गए एक वीडियो में दिखता है कि किसी चुनाव के लिए एक प्रत्याशी नामांकन भरने जा रहा है। उसमें प्रत्याशी के ज़िंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे। इसी वीडियो को कुछ न्यूज़ चैनलों ने इस दावे के साथ ख़बर चला दी कि 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगाए गए। मामला तो यहाँ तक पहुँच गया कि उस मुखिया प्रत्याशी और कई अन्य लोगों पर राजद्रोह और लोक शांति में बाधा डालने सहित कई धाराओं में मुक़दमा दर्ज कर लिया गया। मुखिया प्रत्याशी सहित 10 लोगों को गिरफ़्तार भी कर लिया गया। मोहम्मद ज़ुबैर ने इस मामले में ट्विटर थ्रेड में पूरे घटनाक्रम को विस्तार से फ़ैक्ट चेक कर सचाई बताई है!
10 were arrested by @JharkhandPolice after a video went viral with a claim that People present in the rally were raising "Pakistan Zindabad slogans.
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) April 24, 2022
Did they raise Pakistan Zindabad Slogans?
Shouldn't media verify before tweeting or reporting such sensitive news?
A Thread 👇🏼
जल्द ही यह वीडियो न्यूज़ चैनलों और वेबसाइटों पर चलने लगा। उन रिपोर्टों में यह दावा किया गया कि नामांकन के दौरान 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगाए गए। लेकिन क्या इन रिपोर्टों में उस वीडियो या उसमें लगाए गए नारे की किसी ने पुष्टि की? ख़बरों की सत्यता की पड़ताल करने के लिए मशहूर 'ऑल्ट न्यूज़' ने वीडियो की तो पड़ताल की ही है, उन रिपोर्टों की भी पड़ताल की जिन्होंने बिना जाँचे उस ख़बर को चला दी।
ऑल्ट न्यूज़ के अनुसार, न्यूज़18 बिहार झारखंड टीवी चैनल ने अपने एक वीडियो रिपोर्ट में दावा किया कि डोकीडीह के मुखिया प्रत्याशी ‘शफीक हैदर’ के नामांकन जुलूस में ‘पाकिस्तान जिन्दाबाद’ के नारे लगे और मुखिया प्रत्याशी ने अपने समर्थकों को नहीं रोका।
झारखंड के गिरिडीह में नामांकन करने पहुंचे मुखिया प्रत्याशी के समर्थकों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। pic.twitter.com/HvMtjWT4Xx
— News18 Jharkhand (@News18Jharkhand) April 21, 2022
झारखंड: गिरीडीह के गांडेय प्रखंड में मुखिया प्रत्याशी के नामांकन जुलूस में लगाए गए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे..पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर प्रत्याशी मो. शफीक हैदर समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया.. pic.twitter.com/r2OraDD2j5
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) April 21, 2022
लेकिन ऑल्ट न्यूज़ ने फैक्ट चेक कर बताया है कि ये दावे ग़लत हैं। फ़ैक्ट चेक करने वाली इस वेबसाइट ने दावा किया कि उसने डोकीडीह के स्थानीय लोगों से संपर्क किया और लोगों ने कहा कि जुलूस के दौरान 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे नहीं लगे। इसके साथ ही उसने वायरल वीडियो और उसी वक़्त के दूसरे ऐंगल से लिए गए वीडियो की पड़ताल की। रिपोर्ट में दावा किया गया कि वीडियो को धीमी गति में सुनने पर ‘शाकिर हुसैन ज़िंदाबाद, शाकिर हुसैन ज़िंदाबाद, डोकीडीह पंचायत का मुखिया कैसा हो – शाकिर हुसैन जैसा हो’ सुना जा सकता है।
फ़ैक्ट चेक करने वाली इस वेबसाइट ने लिखा है कि कुल मिलाकर डोकीडीह मुखिया प्रत्याशी शाकिर हुसैन के नामांकन जुलूस के दौरान ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे नहीं लगाए गए थे बल्कि ‘शाकिर हुसैन ज़िंदाबाद’ के नारे लगे थे। तो सवाल है कि ऐसी ख़बरें क्या बिना आधार के इस आधार पर चलाई जा रही हैं क्योंकि समाज में काफ़ी ज़्यादा नफ़रत घोल दी गई है?
अपनी राय बतायें