loader

फ़ोटो में अशोक चव्हाण को दाऊद बताकर अमिताभ की छवि ख़राब करने वाले कौन?

जया बच्चन ने जब बीजेपी सांसद रवि किशन के बॉलीवुड में ड्रग्स के आरोपों को खारिज किया तो जया के साथ अमिताभ बच्चन की भी ज़बरदस्त ट्रोलिंग की गई। इस मामले के बाद ही एक तसवीर में अमिताभ बच्चन से हाथ मिलाते अशोक चव्हाण को दाऊद इब्राहिम बताकर अमिताभ बच्चन को भला बुरा कहा गया, जबकि वास्तविकता यह है कि वह महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के साथ खड़े थे। तो अशोक चव्हाण को दाऊद इब्राहिम बताकर फर्ज़ी दावे करने वाले लोग कौन हैं और क्यों अमिताभ बच्चन की छवि को ख़राब करना चाहते हैं?

ताज़ा ख़बरें

सोशल मीडिया पर कई यूजर इस तसवीर को यह कहते हुए दावा कर रहे हैं कि अमिताभ बच्चन और दाऊद इब्राहिम का आपस में कोई कनेक्शन है। ऐसे यूजरों का दावा है कि इसी कारण जया बच्चन बॉलीवुड पर लग रहे ड्रग्स के आरोपों के ख़िलाफ़ और बॉलीवुड के पक्ष में बोल रही हैं। इसके बाद यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। 

लेकिन जब पड़तालों में कहा गया कि उस तसवीर में दाऊद इब्राहिम के होने की बात ग़लत है तो फिर कई लोगों ने उस फर्जी पोस्ट को हटा लिया। कई लोग तो अभी भी इसे शेयर किए जा रहे हैं। 

फ़ेक न्यूज़ की पड़ताल करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ ने इसकी पड़ताल की है। इसके अनुसार, 16 सितंबर को फ़ेसबुक यूज़र शैलेन्द्र जोरा ने यह तसवीर पोस्ट करते हुए लिखा, 'रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप होते हैं, पर मैं आपका गुलाम हूँ..! दाऊद इब्राहिम और अमिताभ बच्चन की पुरानी तसवीर अब रिलीज हो गई है, तभी तो जया बच्चन बॉलीवुड ड्रग्स कनेक्शन पर तिलमिला गई है.! Shame on Amitabh Bachhan.!'

social media users targeted amitabh bachchan branding ashok chavan as dawood ibrahim - Satya Hindi

डॉ. पंकज दुबे नाम के यूज़र ने ट्विटर पर लिखा है, 'न सिर्फ़ करन जौहर बल्कि अमिताभ बच्चन का परिवार भी ड्रग्स के कारोबार में शामिल है तभी जया जी पार्लियामेंट में तिलमिलाई हुई थी। कुछ तसवीर दाऊद के साथ। जौहर पहले ही भारत छोड़ चुका है। सभी के ख़िलाफ़ जाँच होनी चाहिए।'

ट्विटर पर एक अन्य यूज़र ने इसे शेयर किया। 

इस पूरे मामले में ऑल्ट न्यूज़ ने पड़ताल कर कहा है कि दरअसल, वह तसवीर 25 मार्च 2010 को टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी एक तसवीर है। यही तसवीर या फिर उस दौरान की तसवीरें द हिन्दू, इंडिया टीवी, एनडीटीवी, इंडियन एक्स्प्रेस आदि में भी हैं। सभी तसवीरों में लिखा गया है कि महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण 24 मार्च 2010 को बांद्रा-वर्ली सी लिंक के उद्घाटन के वक़्त अमिताभ बच्चन से मिले थे। 

वैसे इस तसवीर पर एक यूजर का जवाब देते हुए अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन ने लिखा कि तसवीर में उनके पिता के साथ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण हैं। 

बहरहाल, इससे तो साफ़ है कि इस तसवीर में दाऊद इब्राहिम नहीं है। लेकिन जिसने भी इस तसवीर को दाऊद इब्राहिम बताकर पेश किया होगा उसे तो यह पता होगा ही कि वह अशोक चव्हाण हैं क्योंकि जहाँ से इस तसवीर को लिया गया होगा वहाँ तो उस ख़बर के साथ-साथ साफ़ लिखा होगा कि अमिताभ बच्चन के साथ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। तो फिर ऐसा किसने किया?

यह मामला तब आया है जब अमिताभ बच्चन की पत्नी और समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन बॉलीवुड में ड्रग्स के आरोपों पर बोली हैं। उन्होंने कहा कि नशाखोरी के मामले में फ़िल्म जगत को बदनाम किया जा रहा है और कुछ लोगों के कारण पूरे बॉलीवुड को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने नशाखोरी के मामले में बीजेपी सांसद रवि किशन का नाम लिए बिना लोकसभा में कहा था, 'कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं।' 

असत्य से और ख़बरें

बता दें कि जया बच्चन के बयान से एक दिन पहले रवि किशन ने लोकसभा में सुशांत सिंह राजपूत मामले में फ़िल्म उद्योग में ड्रग्स के प्रचलन की बातें कही थीं। उन्होंने कहा था, 'फ़िल्म उद्योग में नशाखोरी है। कुछ लोगों को इस मामले में गिरफ़्तार किया गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो इस मामले में अच्छा काम कर रहा है।'

इस विवाद के बाद सोशल मीडिया पर एक वर्ग ने जया बच्चन को निशाने पर ले लिया। जया बच्चन का समर्थन करने वाली बीजेपी सांसद हेमा मालिनी को उस तरह से निशाना नहीं बनाया गया है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

असत्य से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें