टीएमसी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, सीपीआई, सीपीआईएम, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, नैशनल कॉन्फ्रेंस, डीएमके और आम आदमी पार्टी ने एक साथ मिल कर यह नोटिस दिया है।
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'उन्हें (हरिवंश को) लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करनी चाहिए, पर उन्होंने आज लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मूल्यों को नुक़सान पहुँचाया है। इसलिए हमने उनके ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फ़ैसला किया है'।
अहमद पटेल., राज्यसभा सदस्य, कांग्रेस
'उप सभापति हैं सरकार के रबड़ स्टैंप'
कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने हरिवंश कोे निजी दोस्त बताते हुए कहा किस तरह वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक हुआ करते थे और किस तरह अब वह सरकार के रबड़ स्टैम्प बन चुुके हैं।Deputy Chairman of the RS has been a very close personal friend of mine for long. Till July 2017 he was a bitter critic of PM, until his party abandoned the grand alliance in Bihar. Since then he has become an unthinking rubberstamp in the important position he occupies. Very sad https://t.co/gsZC7k529F
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 20, 2020
They cheated. They broke every rule in Parliament. It was a historic day. In the worst sense of the word. They cut RSTV feed so the country couldn't see. They censored RSTV. Don’t spread propaganda. We have evidence. But first watch this pic.twitter.com/y4Nh9Vu9DA
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) September 20, 2020
हंगामा, शोरगुल
बता दें कि रविवार को सुबह ही राज्यसभा में दो कृषि विधेयक पेश किए गए। इस पर लंबी बहस चली। बहस के बीच कई बार गर्मागर्मी हुई, हंगामा हुआ और नोकझोंक हुई। सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दलों ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए और हमले किए।विपक्ष के सदस्य इस पर मत विभाजन यानी मतदान की मांग करते रहे, पर हरिवंश ने विधेयकों को पारित घोषित कर दिया। इसके बाद एक बार फिर हंगामा हुआ, विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी की और सदन में ही धरने पर बैठ गए।
विपक्ष पर बरसे राजनाथ
शाम को सरकार के 6 मंत्रियों ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार का पक्ष रखा और इस मुद्दे पर विपक्ष पर हमला किया। गृह मंत्र राजनाथ सिंह ने इसे 'संसदीय मर्यादाओं का उल्लंघन' क़रार देते हुए 'लोकतंत्र के लिए शर्मनाक' क़रार दिया। राजनाथ सिंह ने कहा,“
'यह घटना काफी ग़लत थी, ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था। यह दुखद था, संसदीय मर्यादा का उल्लंघन हुआ है। उपसभापति के साथ किया गया आचरण ग़लत था। आसन पर चढ़ना, रूल बुक फाड़ना काफी दुखद था।'
राजनाथ सिेंह, गृह मंत्री
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