अमित मालवीय को तो जानते ही होंगे। अमित शाह की पार्टी बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख हैं। मतलब बीजेपी में पार्टी अध्यक्ष की तरह वह भी बीजेपी आईटी सेल के सर्वेसर्वा हैं। और यह वह पार्टी है जो दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है। क्या ऐसी पार्टी के आईटी सेल के हेड से उम्मीद की जा सकती है कि वह 'फ़ेक न्यूज़' सोशल मीडिया पर पोस्ट करें? वह भी कभी-कभी नहीं, बल्कि एक के बाद एक लगातार ऐसी पोस्ट करते रहें? और जब फ़ैक्ट चेक करने वाली वेबसाइटें साफ़ कर दें कि उन्होंने जो शेयर किया है वह फ़ेक है या तोड़मरोड़कर पेश किया गया है तब भी वह अधिकतर पोस्ट को न हटाएँ। ऐसे में क्या कहेंगे?