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छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाक़े में शनिवार को माओवादियों और केंद्रीय सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के मारे गए जवानों की संख्या बढ़ कर 22 हो गई। इसके अलावा 12 जवान बुरी तरह ज़ख़्मी हो गए हैं जबकि एक अभी भी लापता है। कई माओवादी भी मारे गए हैं, पर उनकी संख्या का पता नहीं चला है। बस्तर के बीजापुर ज़िले के तारेम इलाके में यह मुठभेड़ हुई है।
छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डी. एम. अवस्थी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि मुठभेड़ सुकमा और बीजापुर सीमा के पास तारेम इलाक़े में शुरू हुआ। सुरक्षा बलों की कई यूनिटों की साझा टीम माओवादियों के तलाशी अभियान पर निकली थी।
इस संयुक्त अभियान में सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो टीम, डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड, और स्पेशल टास्क फोर्स के जवान व अफसर शामिल थे।
I bow to the sacrifices of our brave security personnel martyred while fighting Maoists in Chhattisgarh. Nation will never forget their valour. My condolences are with their families. We will continue our fight against these enemies of peace & progress. May injured recover soon.
— Amit Shah (@AmitShah) April 4, 2021
'आज तक' ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि गृह मंत्री अमित शाह असम के चुनावी दौरे से लौट कर दिल्ली में एक ब़ड़ी बैठक करेंगे। समझा जाता है कि इसमें माओवादियों के ख़िलाफ़ किसी बड़ी कार्रवाई पर विचार किया जाएगा। इस मुठभेड़ की जाँच का काम राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी यानी एनआईए को सौंपा जा सकता है।
इसके पहले जुलाई 2020 में ओडिशा के कंधमाल में रविवार सुबह सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में चार माओवादी मारे गए थे।
ओडिशा पुलिस ने कहा था कि जंगल की तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों को माओवादियों के छिपे होने की जानकारी मिली। सुरक्षाबलों ने गोलियाँ चलाईं तो माओवादियों की तरफ से भी गोलीबारी हुई। इसके बाद चली मुठभेड़ में 4 माओवादी मारे गए।
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