क्या माओवादी क्रांति की ज़रूरत सिर्फ़ आदिवासी क्षेत्रों को है? या आदिवासी इलाक़े सिर्फ़ उनके छिपने की जगह हैं और आदिवासी भी हथियारों की तरह ही उपयोगी हैं? क्यों माओवादी नेतृत्व में आदिवासी नहीं के बराबर हैं?
बस्तर में माओवादियों से लड़ते हुए जवानों की शहादत पर सवाल उठाने की वजह से असमिया लेखिका शिखा सर्मा को गिरफ़्तार कर लिया गया है। उन पर राजद्रोह का मामला लगाया गया है।
क्या छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाक़े में केंद्रीय सुरक्षा बलों के लोग माओवादियों के बिछाए जाल में फँस गए या उनके पास सही जानकारी नहीं थी? क्या तमाम सख़्तियों और ऑपरेशन्स के बावजूद माओवादी अपने गढ़ में अभी भी मजबूत स्थिति में हैं?
छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाक़े में शनिवार को माओवादियों और केंद्रीय सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के पाँच जवान मारे गए। कई माओवादी भी मारे गए हैं, पर उनकी संख्या का पता नहीं चला है। बस्तर के बीजापुर ज़िले के तारेम इलाके में यह मुठभेड़ हुई है।