क्या छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाक़े में केंद्रीय सुरक्षा बलों के लोग माओवादियों के बिछाए जाल में फँस गए या उनके पास सही जानकारी नहीं थी? क्या तमाम सख़्तियों और ऑपरेशन्स के बावजूद माओवादी अपने गढ़ में अभी भी मजबूत स्थिति में हैं और राज्य की सत्ता को चुनौती देने लायक ताक़त उनके पास बची हुई है?