छत्तीसगढ़ के बीजापुर के जंगलों में मुठभेड़ में 31 नक्सलवादी मारे गए और दो सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। यह हाल के वर्षों में नक्सलियों से हुई सबसे बड़ी मुठभेड़ों में से एक है।
नक्सलवादियों से मुठभेड़ बीजापुर ज़िले के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में रविवार सुबह हुई। पुलिस ने शुरुआत में मुठभेड़ में मारे गए नक्सवादियों की संख्या 12 बताई थी, लेकिन बाद में बस्तर के आईजी पी सुंदरराज ने पुष्टि की कि यह संख्या बढ़कर 31 हो गई है। रविवार दोपहर तक ऑपरेशन जारी था।
पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ तब हुई जब सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम को पार्क के एक खास इलाक़े में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली और वे उस स्थान की ओर बढ़े। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने पुष्टि की कि मुठभेड़ में मारे गए जवान जिला रिजर्व गार्ड यानी डीआरजी और स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ के थे। ये राज्य स्तरीय बल नक्सली विरोधी अभियानों में माहिर हैं।
जिला रिजर्व गार्ड और राज्य पुलिस के विशेष कार्य बल के साथ-साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ और इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा बटालियन के जवान इस अभियान में शामिल थे। यह अभियान शुक्रवार को इलाके में नक्सवादियों के 'पश्चिम बस्तर संभाग' के कैडरों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद शुरू किया गया था।
इससे पहले रविवार सुबह पुलिस ने एक बयान में कहा था, 'रविवार को रुक-रुक कर गोलीबारी हुई और गोलीबारी जारी है। संभावना है कि गोलीबारी में कुछ नक्सली मारे गए हैं। हमारा तलाशी अभियान जारी है।'
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में इस साल यह दूसरी मुठभेड़ है, जहां 12 जनवरी को तीन नक्सलियों को मार गिराया गया था। अबूझमाड़ से सटा यह राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र नक्सलियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है। यह उद्यान महाराष्ट्र की सीमा से लगा हुआ है और इसे 1983 में बाघ अभयारण्य घोषित किया गया था।
इस साल अब तक मुठभेड़ों में 62 नक्सलवादी मारे गए हैं और छत्तीसगढ़ में नक्सलवादियों से लड़ते हुए 11 जवान भी शहीद हुए हैं। इस साल नक्सलवादियों ने बीजापुर के पांच लोगों समेत कम से कम नौ नागरिकों की हत्या की है। साल 2021 में बीजापुर में ही नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए थे और कई घायल हुए थे। ऐसा ही हमला छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में भी हुआ था। तब नक्सलियों के हमले में 11 जवान शहीद शहीद हो गए थे।
अपनी राय बतायें