पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एक बार फिर चुनाव के दौरान दंगा भड़काए जाने की आशंका जताई है। उन्होंने गुरुवार को ईद के अवसर पर हुई नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोगों से दंगा करवाने वाले तत्वों से सावधान रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान कुछ लोग दंगा भड़काने की कोशिश करेंगे, उनके जाल में मत फंसना।
कोई दंगा करने आता है तो आप चुप-चाप रहो, माथा ठंडा रखो। बी कूल,आप रहें कूल-कूल हम रहेंगे कूल-कूल। ममता बनर्जी ने कहा कि यहां एक चॉकलेट बम भी फटता है तो वे (भाजपा) एएनआई को भेज देते हैं। हम तो सुंदर आसमान चाहते हैं जहां सब लोग एक साथ रह सकेंगे।
हम तो सुंदर आसमान चाहते हैं जहां सब लोग एक साथ रह सकेंगे। ममता बनर्जी ने कहा कि हम एकजुट होकर रहेंगे तो कोई हमें नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। उन्होंने ईद के मौके पर अपने संबोधन में एक बार फिर दोहराया है कि हम सीएए, एनआरसी और समान नागरिक संहिता इन तीनों को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा है कि ये तीनों सेकुलरिज्म के खिलाफ है।
रामनवमी शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं
इससे पहले भी ममता बनर्जी ने पिछले दिनों एक सभा में हिंदुओं से भी अपील करते हुए कहा था कि नवरात्रि आ रही है और मैं अपील करती हूं कि रामनवमी शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं। उन्होंने कहा था कि इस दौरान किसी भी तरह का उपद्रव नहीं करना चाहिए। ममता बनर्जी ने कहा था कि मैं भी भगवान राम का सम्मान करती हूं लेकिन मैं चाहती हूं कि रामनवमी के अवसर पर कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।
ममता बनर्जी ने पिछले 7अप्रैल को भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है इससे पहले भाजपा 17 अप्रैल को रामनवमी पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काएगी।
उन्होंने कहा था कि आप (भाजपा ) रैलियां आयोजित करें लेकिन दंगे नहीं करवाएं। भगवान राम ने आपको दंगे भड़काने के लिए नहीं कहा था। ममता ने कहा था कि वे ऐसा करेंगे और फिर एनआईए को लायेंगे।
ममता बनर्जी पिछले कुछ दिनों से लगातार यह आशंका जता रही है कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण से पहले राजनैतिक कारणों से दंगा भड़काया जा सकता है। वह लगातार लोगों से अपील कर रही हैं कि दंगा न भड़कने दें।
इस कारण ममता जता रहीं आशंका
ऐसे में सवाल उठता है कि ममता बनर्जी चुनाव के दौरान दंगे भड़कने की आशंका बार-बार क्यों जता रही हैं। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसके दो कारण हो सकते हैं। पहला तो यह कि ममता बनर्जी इस बात को लेकर डरी हुई हैं कि अगर चुनाव के दौरान दंगे भड़कते हैं तो भाजपा इसका राजनैतिक फायदा उठा सकती है। उन्हें आशंका है कि दंगें होने के बाद पश्चिम बंगाल में धार्मिक धुर्वीकरण बढ़ेगा जिसका फायदा भाजपा को होगा। इसलिए वह हर हाल में चाहती हैं कि चुनाव के दौरान किसी तरह का दंगा नहीं हो। इसके लिए ही वह हिंदू और मुसलमान दोनों तबकों को समझा रही हैं, सचेत कर रही हैं कि दंगे भड़काने की किसी भी कोशिश को शांत रह कर नाकाम करें।
वह लगातार इसके लिए शांति की अपील कर रही हैं। राजनैतिक विश्लेषकों के मुताबिक इसका दूसरा कारण मुस्लिम वोटों को कांग्रेस या वामदलों के पाला में जाने से रोकना है।
ममता दंगों का मुद्दा उठा कर या इसका डर दिखा कर पश्चिम बंगाल के मुस्लिम मतदाताओं को यह दिखाना चाहती हैं कि वह ही उनकी रक्षा कर सकती हैं। वह चुनाव को पूरी तरह से टीएमसी बनाम भाजपा बनाना चाहती हैं। ताकि मुस्लिम मतदाता पूरी एकजुटता के साथ ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को वोट दे।
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