पश्चिम बंगाल की राजनीति में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ आना बड़ी राजनीतिक घटना है। यह घटना बीजेपी के लिए बेचैन करने वाली है तो टीएमसी के लिए सुकून देने वाली। हेमंत सोरेन ने पश्चिम बंगाल में चुनाव नहीं लड़ने का एलान करते हुए टीएमसी को समर्थन देने की घोषणा को दिशोम गुरु शिबू सोरेन की मर्जी बताया है। समर्थन का यह फैसला ममता बनर्जी के आग्रह पर विचार के बाद लिया गया है।
बंगाल: निर्णायक न हो जाए ममता के लिए हेमंत सोरेन का समर्थन
- पश्चिम बंगाल
- |
- |
- 13 Mar, 2021

पश्चिम बंगाल की राजनीति में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ आना बड़ी राजनीतिक घटना है।
कांग्रेस-लेफ्ट के लिए जेएमएम के समर्थन का पश्चिम बंगाल में कोई निर्णायक मतलब नहीं है। फिर भी, कांग्रेस के लिए यह इस मायने में ‘झटका’ है कि उसके ही समर्थन से हेमंत सरकार झारखंड में चल रही है। हालांकि शिव सेना भी टीएमसी को समर्थन देने का एलान कर चुकी है जिसकी महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार है और कांग्रेस उसमें शामिल है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनता दल भी अपने परंपरागत मित्र कांग्रेस को अंगूठा दिखाते हुए ममता बनर्जी का साथ देने का एलान कर चुका है।