क्या अब भारत के मुसलमानों को अपना जीवन सामान्य तरीक़े से बिताने के लिए ऐसे सदाशयी हिंदुओं की ज़रूरत पड़ती रहेगी जिनमें हिंदुत्ववादियों के सामने खड़े होकर उनका विरोध करने का साहस हो? राजस्थान के कोटा में खजूरी गाँव में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के हिंदू विद्यार्थियों द्वारा अपने मुसलमान अध्यापकों के निलंबन के ख़िलाफ़ किए गए प्रदर्शन और आंदोलन के बाद यह सवाल मन में उठा।
उम्मीद की एक किरण है राजस्थान के खजूरी गाँव की कहानी!
- वक़्त-बेवक़्त
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- 4 Mar, 2024

राजस्थान के सरकारी स्कूल में कुछ टीचरों को धर्मांतरण का आरोप लगाकर निलंबित कर दिया गया। राजस्थान के शिक्षा मंत्री और पूरी सरकार ने इस मामले को साम्प्रदायिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन स्कूल की छात्राओं ने आगे आकर सारे आरोपों को बेहूदा बताते हुए प्रदर्शन किया। स्तभंकार अपूर्वानंद का कहना है कि जिस तरह स्कूल की छात्राएं और बाकी टीचर विरोध में सामने आए, वो संविधान से चलने वाले भारत में एक उम्मीद की तरह है। पढ़िए यह विचारोत्तेजक लेखः