राजस्थान के सरकारी स्कूल में कुछ टीचरों को धर्मांतरण का आरोप लगाकर निलंबित कर दिया गया। राजस्थान के शिक्षा मंत्री और पूरी सरकार ने इस मामले को साम्प्रदायिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन स्कूल की छात्राओं ने आगे आकर सारे आरोपों को बेहूदा बताते हुए प्रदर्शन किया। स्तभंकार अपूर्वानंद का कहना है कि जिस तरह स्कूल की छात्राएं और बाकी टीचर विरोध में सामने आए, वो संविधान से चलने वाले भारत में एक उम्मीद की तरह है। पढ़िए यह विचारोत्तेजक लेखः