पायलट के बारे में कोई भी राय बनाने से पहले इस स्टेटमेंट को जरूर सुने जो उन्होंने आज अनशन खत्म होने के बाद दिया।
— Harshvardhan tiwari (@poetvardhan) April 11, 2023
पायलट को पसंद और नापसंद करने वाले सारे लोग सुनें शायद आपका नजरिया बदले 👇@SachinPilot pic.twitter.com/bFFxThYxm0
कांग्रेस पार्टी की चेतावनी के बाद भी सचिन पायलट जयपुर में वसुंधरा राजे के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अनशन पर बैठ गए है। देखिए शाम तक दिल्ली आलाकमान क्या कार्रवाई करता है ! pic.twitter.com/dpEWRpVGIq
— Aadesh Rawal (@AadeshRawal) April 11, 2023
अनशन की खास वजहः हालांकि पायलट भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन हकीकत में गहलोत सरकार के साथ ताजा टकराव को चुनावी साल में राजस्थान में पार्टी का प्रमुख चेहरा कौन होगा, इससे जोड़कर देखा जा रहा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बनाने के उनके प्रयास के रूप में भी इसे देखा जा रहा है।
नजरें कांग्रेस आलाकमान पर
सचिन पायलट ने तो अपना दांव चल दिया है लेकिन अब बारी कांग्रेस आलाकमान की है कि उसका अगला कदम सचिन के खिलाफ क्या होता है। सचिन पायलट को कांग्रेस आला कमान ने उपवास से कुछ घंटे पहले, सोमवार रात को कड़ी चेतावनी दी थी और कहा कि उनकी ओर से इस तरह की कोई भी कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधि होगी। पार्टी ने कहा कि सचिन पायलट का कल का उपवास पार्टी हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है। अगर उनकी अपनी सरकार से कोई समस्या है तो मीडिया और जनता के बजाय पार्टी मंचों पर चर्चा की जा सकती है। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा - मैं पांच महीने से एआईसीसी का प्रभारी हूं और पायलट जी ने कभी मुझसे इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की। मैं उनके साथ संपर्क में हूं और मैं अभी भी शांति की अपील करता हूं क्योंकि वह कांग्रेस पार्टी के लिए एक बेशकीमती संपत्ति हैं।सचिन पायलट के मुद्दे को उनके समर्थक राहुल गांधी के अडानी मुद्दे से जोड़कर देख रहे हैं। पायलट के नजदीकी सूत्रों ने पीटीआई से कहा कि जब राहुल गांधी कथित भ्रष्टाचार के अडानी मुद्दे पर लड़ रहे थे, उसी तरह पायलट पिछली राजे सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए इस मुद्दे को उठा रहे हैं। पायलट "मौन व्रत" के दौरान सरकार के खिलाफ नहीं बोलेंगे।
सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि पायलट और रंधावा दोनों ने फोन पर बात की लेकिन एआईसीसी के राज्य प्रभारी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री से अनशन खत्म करने के लिए नहीं कहा। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई वसुंधरा राजे शासन के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ है और किसी और पर टारगेट नहीं है।
केंद्र में संसदीय मामलों और संस्कृति के जूनियर मंत्री, भाजपा के अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार दो गुटों में बंटी हुई लगती है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोई विकास नहीं है, शासन गायब है और लोग पीड़ित हैं। मेघवाल ने कहा, "मुझे विश्वास है कि आने वाले चुनावों में जनता उन्हें सबक सिखाएगी।"
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