न्याय और न्यायाभास। न्यायाभास से बेहतर और सटीक होगा- इन्साफ़ का धोखा। यानी आपको जान पड़े कि इंसाफ मिल रहा है और वह कभी हाथ न आए। जो सिद्दीक़ कप्पन के साथ किया गया, उसे इन्साफ़ का मज़ाक ही कहेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद सिद्दीक कप्पन को मथुरा से दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ में इलाज के लिए लाया गया और गुपचुप तरीके से  बिना उनके परिवार और वकील को खबर किए वापस मथुरा जेल पहुँचा भी दिया गया।