“देखो, पृथ्वी, हम सबसे ज़्यादा फिजूलखर्च निकले।” इज़रायली और यहूदी कथाकार डेविड ग्रॉसमैन ने 2006 में यित्ज़ाक राबिन स्मृति व्याख्यान में कवि शाउन चेर्नेकोव्स्की की 1938 की इस पंक्ति को उद्धृत किया। कवि का विषाद यह था कि इज़रायल की भूमि के भीतर हमने हर कुछ वक्त पर अपने जवानों को दफ़न किया है। नौजवानों की मौत भयानक, विक्षोभकारी बर्बादी है।