दो साल पहले हाथरस जाने के दौरान रास्ते में ही गिरफ़्तार कर लिए गए पत्रकार सिद्दीक कप्पन जमानत मिलने के एक माह बाद भी आख़िर जेल से रिहा क्यों नहीं हो पाए थे? जानिए वजह।
दो साल पहले हाथरस जाने के दौरान रास्ते में ही गिरफ़्तार कर लिए पत्रकार सिद्दीक कप्पन सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी आख़िर जेल से रिहा क्यों नहीं हो पाए थे? जानिए, अब क्यों रिहा होंगे।
दो साल बाद पत्रकार सिद्दीक कप्पन को ज़मानत मिली? क्या यह इंसाफ है? अदालत के सवालों का जवाब नहीं दे पाई यूपी सरकार। कप्पन का पीएफआई से रिश्ता कैसे जुड़ा? यह सरकार और पुलिस पर ही सवाल है या निचली अदालत और हाईकोर्ट पर भी?
जिन मलयालम पत्रकार सिद्दीक कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने क़रीब दो साल से जेल में बंद रखा है उनको आख़िरकार अब राहत मिल गई है। जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।
जिन मलयालम पत्रकार सिद्दीक कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने क़रब दो साल से जेल में बंद रखा है उनका आख़िर गुनाह क्या है? आख़िर उन्हें जमानत भी क्यों नहीं मिल पा रही?
पिछले साल 5 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में जाने के दौरान गिरफ़्तार किए गए मलयालम पत्रकार सिद्दीक कप्पन का आख़िर कसूर क्या है? जानिए, यूपी पुलिस की चार्जशीट में क्या आरोप लगाए गए हैं।
इमरजेंसी को भारत एक ऐसे भयावह काल की तरह याद रखता है जिसने सभी संस्थाओं को विकृत करके भय के वातावरण का निर्माण किया था। लेकिन इमरजेंसी या इस तरह के हालात में मीडिया की क्या भूमिका है?
न्याय और न्यायाभास। न्यायाभास से बेहतर और सटीक होगा- इन्साफ़ का धोखा। यानी आपको जान पड़े कि इंसाफ मिल रहा है और वह कभी हाथ न आए। जो सिद्दीक़ कप्पन के साथ किया गया, उसे इन्साफ़ का मज़ाक ही कहेंगे।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। SC ने योगी सरकार से कहा- कप्पन का इलाज दिल्ली में कराओ । कोविन ऐप: रजिस्ट्रेशन कराने जुटे लोग लेकिन क्रैश हुआ सर्वर ।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन की पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वो कप्पन की मेडिकल रिपोर्ट फाइल करे।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। मद्रास हाई कोर्ट ने कहा - दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग दोषी । पत्रकार कप्पन की पत्नी: कप्पन को अस्पताल में जंजीरों से बाँध के रखा
केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को आख़िरकार ज़मानत तो मिल गई लेकिन सिर्फ़ पाँच दिन के लिए। वह भी शर्तों के साथ। सुप्रीम कोर्ट ने यह ज़मानत इस शर्त पर दी है कि वह अपनी 90 वर्षीय माँ से मिलेंगे जो बहुत बीमार हैं।