क्या आपको उत्तर प्रदेश में पंचायत और स्थानीय निकाय के चुनावों के बाद की हिंसा और उसमें हुई हत्याओं के बारे में कुछ मालूम है? अगर नहीं तो क्यों, यह आपको पूछना चाहिए। वे तमाम अख़बार और जन संचार माध्यम जो बंगाल की हिंसा को पहली ख़बर बना रहे थे, उत्तर प्रदेश में चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा को इस लायक क्यों नहीं मानते कि जनता को उसकी सूचना भी दी जाए? उत्तर प्रदेश से निकलनेवाले अख़बार भी?