पहले यह क़बूल करना होगा कि बंगाल में हिंसा हो रही है, कि हिंसा करनेवालों में बंगाल के सत्ताधारी और विधान सभा चुनाव में विजयी दल तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता आगे-आगे हैं। इस हिंसा के निशाने पर भारतीय जनता पार्टी के साथ वाम दलों, कांग्रेस और दूसरे राजनीतिक दलों के सदस्य और समर्थक हैं। बारह से अधिक लोग मारे गए हैं, सैंकड़ों घर, गाँव छोड़कर भागने को मजबूर हुए हैं।
हिंसा की ज़िम्मेदारी से तृणमूल भाग नहीं सकती!
- विचार
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- 5 May, 2021

ओडिशा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली की हिंसा की पुरानी घटनाओं के वीडियो प्रसारित किये जाने लगे हैं और उन्हें बंगाल की अभी की हिंसा की तसवीरें बताया जा रहा है। ये लोग आरोप लगा रहे हैं कि तृणमूल के विजयी होते ही 'जिहादी' लोग हिंसा पर उतारू हो गए हैं।
हिंसा में टीएमसी आगे
इस हिंसा की ज़िम्मेदारी से तृणमूल के नेता भाग नहीं सकते। यह इससे स्पष्ट हो जाता है कि दल की नेता ममता बनर्जी ने अपने नव- निर्वाचित विधायकों से अपने समर्थकों को नियंत्रित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने अपने समर्थकों से सीधे अपील की है कि वे हिंसा से बाज आएँ।