बीजेपी ने क्या उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में 825 सीटों में से 600 से ज़्यादा सीटें जीतकर बड़ी जीत हासिल नहीं की है? विपक्ष की क्या रही कमजोरी?
उत्तर प्रदेश में ज़िला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की कहानी ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में दोहरायी गई। पहले 40 फ़ीसदी से अधिक ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध बनवा दिए गए, जिन सीटों के लिए मतदान हुआ, उनमें से भी अधिकांश बीजेपी के खाते में गयी हैं।
ज़िला पंचायत अध्यक्षों के पदों पर ज़्यादातर जगहों पर बीजेपी के जीत हासिल करने पर सपा नेता अखिलेश यादव ने चुनाव में धांधली के आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाताओं का अपहरण किया और बल का प्रयोग किया।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। यूपी पंचायत चुनाव: 67 जिलों में बीजेपी के अध्यक्ष बने । सपा : जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी ने की खुली धांधली
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। यूपी ज़िला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जीत के लिए बीजेपी कर रही गजब की धांधली और दबंगई। यूपी : अब तक 20 जिलों में निर्विरोध अध्यक्ष बनवाने में सफल हुई बीजेपी। शाम तक की ख़बरें
बंगाल: चीफ़ जस्टिस पर गंभीर आरोप, हटाने की मांग। पश्चिम बंगाल बार कौंसिल ने लगाए आरोप, कहा- जस्टिस बिंदल ने न्याय का मखौल उड़ाया, भेदभावपूर्ण फैसले किए और पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण-
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव 2021। मायावती का बड़ा ऐलान, साथ ही कहा मीडिया और विपक्ष हको कम न आंके। अखिलेश : नामांकन भरने पर रोक ने चुनाव की निष्पक्षता को बर्बाद किया । दोपहर तक की ख़बरें-
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। अखिलेश : नामांकन भरने पर रोक ने चुनाव की निष्पक्षता को बर्बाद किया । पिछले 55 दिनों में 8 रुपये अधिक बढ़ाए पेट्रोल-डीज़ल पर दाम। देखिए सुबह तक की ख़बरें- up zila panchayat election 2021: Akhilesh yadav says Stopping filing of nominations ruined the impartiality of polls
उत्तर प्रदेश में अप्रैल-मई में 46 दिन के भीतर 8,735 लोगों की जानें गई हैं। इनमें 1621 शिक्षक हैं। इसका मतलब यह है कि उत्तर प्रदेश में बीते डेढ़ महीने में कोरोना से मरने वाला हर पाँचवाँ-छठा व्यक्ति कोई न कोई शिक्षक है। ऐसा क्यों?
क्या आपको उत्तर प्रदेश में पंचायत और स्थानीय निकाय के चुनावों के बाद की हिंसा और उसमें हुई हत्याओं के बारे में कुछ मालूम है? अगर नहीं तो क्यों, यह आपको पूछना चाहिए।
पंचायत चुनाव में दुर्गति के बाद योगी के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या यूपी बचाने के लिए उनकी कुर्सी किसी और की दी जाएगी? अशोक वानखेड़े, विनोद अग्निहोत्री, विजय त्रिवेदी, शरत प्रधान, वीरेंद्र भट्ट।
कोरोना के चरम पर हुए पंचायत चुनाव में यूपी में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की दुर्गति हुई है। किसान आंदोलन की आँच में पार्टी पश्चिमी यूपी में भी बुरी तरह झुलसी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में भी बीजेपी को हार मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग को फटकार लगाते हुए कहा है कि यदि पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती दो हफ़्ते बाद हुई तो आसमान नहीं गिर पडेगा। राज्य चुनाव आयोग इसके बावजूद तय समय यानी 2 मई को वोटों का गिनती कराने पर तुला हुआ है।
उत्तर प्रदेश में ज़बरदस्त कोरोना प्रसार के बीच चार चरणों में संपन्न हुए पंचायत चुनाव प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के लिए जानलेवा साबित हुए हैं। प्राथमिक शिक्षकों के संघ के मुताबिक़, इस पूरी कवायद में कोरोना से 700 से ज्यादा शिक्षकों की जान चली गयी है।