सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2021 के वोटों की गिनती कराने की अनुमति दे दी है। अदालत ने शनिवार को उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग की दलीलें सुनने के बाद कहा कि मतगणना केंद्रों पर वरिष्ठ अधिकारी तैनात किए जाएं और उन्हें ज़िम्मेदारी लेनी होगी।
अदालत ने इसके साथ ही यह भी कहा कि मतगणना के दौरान उसके आसपास के इलाक़े में कर्फ़्यू लगा दिया जाए और विजय जुलूस को प्रतबंधित कर दिया जाए।
राज्य चुनाव आयोग का आश्वासन
यूपी चुनाव आयोग की ओर से सहायक सॉलीसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि प्रशासन ने 829 मतगणना केंद्रों पर पूरा इंतजाम किया है, कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया कि वरिष्ठ अफ़सरों को पूरा इंतजाम करने, सामाजिक दूरी व सेनेटाइजेशन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।
उत्तर प्रदेश चुना आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मतगणना के दौरान कोरोना दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा, कर्फ़्यू लगा दिया जाएगा, भीड़ एकत्रित नहीं होने दी जाएगी और विजय जुलूस पर रोक लगा दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने इसके पहले शनिवार सुबह उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग को फटकार लगाते हुए कहा था कि यदि पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती दो हफ़्ते बाद हुई तो आसमान नहीं गिर पडेगा। पर राज्य चुनाव आयोग इसके बावजूद तय समय यानी 2 मई को वोटों का गिनती कराने पर तुला हुआ था।
बता दें कि यूपी पंचायत चुनाव 2021 चार चरणों में कराया जा चुका है और वोटों की गिनती 2 मई को होनी है।
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स्थितियाँ जानते हुए भी आप वोटों की गिनती कराना चाहते हैं? क्या आप दो हफ़्तों तक रुक नहीं सकते जब तक स्थिति सुधर जाए?
सुप्रीम कोर्ट
इस पर सु्प्रीम कोर्ट ने कहा,
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हमने वोटों की गिनती कराने का फ़ैसला किया है।
उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग
क्या कहना है शिक्षकों का?
प्राथमिक शिक्षकों के संघ के मुताबिक़, इस पूरी कवायद में कोरोना से 700 से ज्यादा शिक्षकों की जान चली गयी है। शिक्षक संघ ने मृत शिक्षकों की सूची जारी कर सरकार से जवाब माँगा है कि कोरना की ज़बरदस्त लहर के बीच आखिर क्यों चुनाव कराए गए।
स बीच प्रदेश में पंचायत चुनावों के लिए 2 मई से मतगणना का काम शुरू होना है और पेपर बैलेट से हुए इन चुनावों के लिए मतों की गिनती के काम में भी बड़े पैमाने पर शिक्षकों की ही ड्यूटी लगाई गयी है।
शिक्षकों का कहना है कि यूपी पंचायत चुनाव 2021 उस समय कराए गए, जब कोरोना का प्रसार अपने चरम पर है। चुनाव ड्यूटी के प्रशिक्षण से लेकर मतदान तक संक्रमण को रोकने के कोई उपाय नही किए गए। इतना ही नहीं इन चुनावों में संक्रिमतों को भी वोट डालने की सुविधा दी गयी।
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