भँवरलालजी जैन रास्ता भटक गए थे। पूछने पर वे अपना नाम नहीं बतला पा रहे थे। इस वजह से दिनेश कुशवाह ने उन्हें मारा। फिर उनकी मौत हो गई। बुलडोज़र दिनेश के घर गया। लेकिन परिवार में बँटवारा न होने की वजह से, क्योंकि मकान उसके पिता के नाम से था, बुलडोज़र को वापस लौटना पड़ा।