नरेंद्र मोदी ने हरिद्वार की 'धर्म संसद के संदेश को अपनी भाषा में फिर से प्रसारित किया। लोग इस पर क्षुब्ध थे कि भारतीय जनता पार्टी के किसी नेता ने,  संघीय सरकार के किसी मंत्री ने, प्रधान मंत्री और गृह मंत्री की तो बात ही छोड़ दीजिए, हरिद्वार में हुई 'धर्म संसद' में मुसलमानों के कत्लेआम के ऐलान की निंदा नहीं की है। यह समझने में कोई दिक़्क़त न हो कि इस धर्म संसद और भाजपा की राजनीति में  क्या रिश्ता है, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कच्छ के लखपत गुरुद्वारे से बोलते हुए कहा, “सिख गुरुओं ने जिन खतरों से आगाह किया था, वे उसी रूप में आज भी मौजूद हैं।"