शनिवार को स्वर्ण मंदिर अपवित्र किया गया। गुरुओं के अनुयायियों के द्वारा। उन्होंने उनके बंदे की जान ली, इस खुदाई के मालिक की एक रचना को तोड़ दिया। एक इंसान का खून इंसानों ने उस मुक़द्दस ज़मीन पर गिराया जो सिवा उसको, जो सबके ऊपर है और सबसे बड़ा है, याद करने के और किसी के लिए नहीं। कम से कम इंसान की अपनी शान या ताकत दिखलाने के लिए तो नहीं ही। लेकिन शनिवार को यही किया गया जब गुरु के बन्दों ने एक दूसरे शख्स को, जो गुरु का ही बंदा होगा, पीट पीटकर मार डाला।