हिंदू अगर मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा करते हैं तो वह राष्ट्रवादी उत्साह की अभिव्यक्ति है।हिंदुत्ववादियों को या हिंदुओं को अधिकार है कि वे मुसलमानों पर हिंसा करें।मुसलमानों को वह हिंसा बर्दाश्त करनी चाहिए, किसी तरह का प्रतिरोध नहीं करना चाहिए।अगर वे प्रतिरोध करते हैं और उसमें हिंसा होती है तो वह हिंसा अपने आप ही दहशतगर्द, राष्ट्रविरोधी कृत्य बन जाती है।
जो इस हिंसा में शामिल हैं उनकी किसी भी तरह की क़ानूनी या दूसरे क़िस्म की मदद करना भी राष्ट्रविरोधी या दहशतगर्द कृत्य है। इस हिंसा के तथ्यों को पता करने की कोई भी गतिविधि भी राष्ट्रविरोधी कृत्य है। ये निष्कर्ष 7 साल पहले गणतंत्र दिवस के दिन उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुई हिंसा में एक हिंदू पंकज गुप्ता के मारे जाने के मामले में लखनऊ की एक अदालत के फ़ैसले से निकाले जा सकते हैं।