“उस कमरे में /जहाँ लोगों ने आम राय से क़ायम कर रखी है/ ख़ामोशी की साज़िश/सच का एक लफ़्ज़/ आवाज़ करता है पिस्तौल की गोली की तरह।”
खामोशी की साजिश
- वक़्त-बेवक़्त
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- 29 Mar, 2025

पुलवामा में मोदी सरकार की नाकामी पर जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक बहुत बड़ा खुलासा कर चुके हैं। लेकिन देश के मुख्यधारा के मीडिया ने सारे मामले पर ऐसे चुप्पी साध ली है, जैसे कुछ हुआ ही न हो। चिन्तक और सत्य हिन्दी के स्तंभकार अपूर्वानंद ने उसी खामोशी के अंदर झांकने की कोशिश की है।