पढ़कर तसल्ली हुई कि दिल्ली विश्वविद्यालय के उन छात्रों ने माफ़ी माँगने से मना कर दिया है जिन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन ने बी बी सी की डाक्यूमेंट्री दिखलाने या देखने के आरोप में अलग अलग क़िस्म की सजाएँ दी थीं और कहा था कि वे माफ़ी माँग लें तो सजा कम कर दी जाएगी या वापस ले ली जाएगी। उन्होंने कहा है कि फ़िल्म देखने दिखाने के क्रम में उन्होंने कोई हिंसा नहीं की थी। बल्कि उपद्रव तब हुआ जब विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों और पुलिस ने जबरन फिल्म प्रदर्शन रोकने की कोशिश की। छात्रों ने इसका विरोध किया, खींचातानी हुई और आख़िरकार फ़िल्म नहीं दिखलाने दी गई। लेकिन जो छात्र इसमें शामिल थे या इन कार्यक्रमों को संगठित करने में अगुवाई कर रहे थे, उन्हें पहचान कर दंडित किया गया।
जब समाज में स्वतंत्रता का बोध लुप्त होने लगे !
- वक़्त-बेवक़्त
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- 29 Mar, 2025

दिल्ली यूनिवर्सिटी में पिछले दिनों बीबीसी डॉक्यूमेंट्री दिखाने के मुद्दे पर कुछ छात्रों पर कार्रवाई की गई थी। लेकिन आरोपी छात्रों ने साफ कह दिया है कि वो माफी नहीं मांगेंगे। क्योंकि उन्होंने कोई गलती नहीं की। इस घटना के संदर्भ में प्रसिद्ध लेखक और स्तभंकार अपूर्वानंद ने सत्य हिन्दी के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी में आरएसएस, एबीवीपी, बीजेपी की गतिविधियों पर टिप्पणी की है। जरूर पढ़िएः