‘जाँच पड़ताल और गवाहों के बयान से मालूम होता है कि ....मुसलमानों से बदला लेने के लिए, इस तरह के प्रचार के बेइंतहाई अहमकपन को समझने में असफल, उस इलाक़े के कुछ नौजवानों ने अपने समुदाय की रक्षा करने के नाम पर एक वहाट्सऐप ग्रुप  बनाया। इन लोगों ने अपनी व्यक्तिमत्ता गँवा दी और एक भीड़ के दिमाग़ की तरह  काम करने लगे। ‘जय श्री राम’ और ‘हर हर महादेव’ ने, जो पवित्र नारे हैं और जय का उद्घोष माने जाते हैं, इनके दिमाग़ कुंद कर दिए और उनके  रचनात्मक स्वभाव को जैसे लकवा मार गया।….और तब भीड़ दंगाइयों में बदल गई….।’