बाबरी मसजिद का साया हिंदू आस्था पर मंडराता रहेगा। यह तब तय हो गया जब राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित न्यास के अध्यक्ष के रूप में नृत्य गोपाल दास और सचिव के रूप में विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय की नियुक्ति की गई। अख़बारों और दूसरी जगह यह ख़बर तो छपी, लेकिन इसके महत्व पर कोई टिप्पणी नहीं दिखी।
राम मंदिर पर विशेष श्रृंखला : राम मंदिर के निर्माण में कहाँ है हिंदू आस्था की पवित्रता?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 23 Feb, 2020

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को इसकी आधारशिला रखेंगे। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह वाकई हिन्दू आस्था का सवाल था? क्यों हमने इस मिथ को सच बन जाने दिया कि यह सब कुछ हिंदू आस्था का अंग था? आख़िरकार आडवाणी ने ही क़बूल किया कि इस पूरे अभियान में धर्म सिर्फ़ एक आवरण था, यह पूरी तरह राजनीतिक अभियान था। राम मंदिर पर सत्य हिन्दी की विशेष श्रृंखला की पहली कड़ी।