भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी संगठन जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं, ज्ञान और शिक्षा के मित्र तो क़तई नहीं हैं और इसलिए वह अध्यापकों और विद्यार्थियों के लिए भी ख़तरा हैं। यह पहले भी मालूम था लेकिन ये पिछले 10 सालों में तो बार बार साबित हुआ है। इसके बावजूद 11 फ़रवरी को कर्नाटक के मंगलोर के सेंट गेरोसा हायर प्राइमरी स्कूल की अध्यापिका सिस्टर प्रभा के निलंबन के बाद फिर से यह कहा जाना ज़रूरी है। सिस्टर प्रभा को भारतीय जनता पार्टी के विधायक वेदव्यास कामथ के दबाव के कारण स्कूल ने निलंबित कर दिया है। भाजपा ने सिस्टर प्रभा पर हिंदू धर्म के अपमान का आरोप लगाया था। साथ ही यह इल्ज़ाम भी लगाया कि वे प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ बोल रही थीं।
वह समाज कहाँ है जो अपने शिक्षकों से वीरता की माँग करता है?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 19 Feb, 2024

अगर स्कूल विद्यार्थियों को सारे धर्मों से परिचित करवाने के क्रम में मस्जिद ले जाना चाहें तो उसपर भी स्कूल के ख़िलाफ़ हिंसा हो सकती है। ऐसे हालात में क्या स्कूल या कॉलेज शिक्षा का अपना धर्म निभा सकते हैं?
‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ के मुताबिक़ सिस्टर प्रभा रवींद्रनाथ ठाकुर की कविता ‘वर्क इज़ वरशिप पढ़ा रही थीं। इस कविता को पढ़ाते हुए उन्होंने बतलाया कि कवि के अनुसार ईश्वर मंदिर, मस्जिद, चर्च जैसी इमारतों में नहीं है और न माला फेरने से उसे पाया जा सकता है। सिस्टर प्रभा ने कहा कि ईश्वर इन इमारतों में नहीं बल्कि हमारे हृदय में निवास करता है। हमारे शरीर या मन ही मंदिर या उपासना स्थल हैं। इसलिए हमें मनुष्य को नहीं मारना चाहिए।