कोल्हापुर की प्रोफ़ेसर तेजस्विनी देसाई के साथ जो हुआ,वह हम अध्यापकों में किसी के भी साथ हो सकता है। कोल्हापुर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में भौतिक शास्त्र की अध्यापिका तेजस्विनी देसाई को तब तक के लिए अवकाश पर भेज दिया गया है जब तक उनके ख़िलाफ़ जाँच पूरी नहीं हो जाती। लेकिन यह जाँच किस चीज़ की है?
कोई प्रोफ़ेसर कैसे इस माहौल में पढ़ा सकता है ?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 3 Jul, 2023

कॉलेजों के क्लासरूम में टीचरों का पढ़ाना बहुत बड़ा संकट बनने जा रहा है। कुछ छात्र उस हिन्दुत्ववादी एजेंडे के तहत ही पढ़ना और सुनना चाहते हैं, जिसके लिए उन्हें तैयार किया गया है। लेकिन कोई टीचर किसी धार्मिक एजेंडे के तहत क्लासरूम में कैसे पढ़ा सकता है। स्तंभकार और चिन्तक अपूर्वानंद ने यही मसला इस बार उठाया है। जानिएः