हिंदुओं के साथ क्या हो रहा है? वे अपने साथ क्या कर रहे हैं? या बेहतर यह पूछना होगा कि वे अपने साथ क्या होने दे रहे हैं? दुर्गा पूजा से बेहतर और कौन सा अवसर है जब यह सवाल किया जाए? यह लिखते ही मन में प्रश्न उठा कि क्या देवी के समक्ष जाने पर किसी प्रकार का हिंदू भाव जाग्रत होता है।पूजा के समय हम क्या ख़ुद को अधिक हिंदू महसूस करते हैं? सवाल ज़रा अटपटा मालूम पड़ सकता है लेकिन किया ही जा सकता है कि देवी के समक्ष हम देवी के आराधक हैं या हिंदू हैं?
पूजा के समय का हिन्दू और उसके बाद वाला हिन्दू
- वक़्त-बेवक़्त
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- 7 Oct, 2024

हिन्दू त्यौहारों का सीजन शुरू हो गया है। अब पूजा के समय भी पंडालों में नारे लग रहे हैं। समय आ गया है कि हर हिन्दू इस बात पर विचार करे कि इन त्यौहारों में पूजा के समय और उसके पहले और बाद में उसका हिन्दू किस तरह का हो जाता है। स्तंभकार अपूर्वानंद ने इस महत्वपूर्ण लेख में हिन्दू के हिन्दूपन पर विचार किया है। जरूर पढ़िये और पढ़ाइयेः