हिन्दू त्यौहारों का सीजन शुरू हो गया है। अब पूजा के समय भी पंडालों में नारे लग रहे हैं। समय आ गया है कि हर हिन्दू इस बात पर विचार करे कि इन त्यौहारों में पूजा के समय और उसके पहले और बाद में उसका हिन्दू किस तरह का हो जाता है। स्तंभकार अपूर्वानंद ने इस महत्वपूर्ण लेख में हिन्दू के हिन्दूपन पर विचार किया है। जरूर पढ़िये और पढ़ाइयेः