ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ था!
शासक दल भारत को बुरी तरह तोड़ कर ही उस पर क़ब्ज़ा करना चाहता है?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 2 Aug, 2021

हमें यह समझना ही पड़ेगा कि बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति रोजाना घृणा और हिंसा प्रचार की संजीवनी पर जीवित रहती है। आप इसे बूँद-बूँद ज़हर का इंजेक्शन देना भी कह सकते हैं। इस घृणा, हिंसा और दुराव को व्यापक करना होता है ताकि यह स्वाभाविक लगने लगे। इसीलिए सीमा विवाद को हिंसा तक ले जाना और उसके बाद लगातार सार्वजनिक तौर पर उसके बहाने और हिंसा का प्रसार करना एक मुख्यमंत्री को ज़रूरी जान पड़ा।
एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य की पुलिस पर हमला करे और पुलिस कर्मियों कि हत्या कर दे? एक राज्य दूसरे में जाने से 'अपने' लोगों को मना करे? दो मुख्यमंत्री खुलेआम एक दूसरे पर इल्जाम लगाएं? दो राज्यों की पुलिस एक दूसरे के अधिकारियों को हाज़िर होने का हुक़्म दें? एक दूसरे पर आपराधिक मुक़दमा दर्ज करें?
ऐसा कभी नहीं हुआ था, लेकिन क्या ऐसा होने पर अब हमें कोई आश्चर्य होना चाहिए? असम और मिज़ोरम के बीच जो खूनी संघर्ष हुआ, और उसके बाद जो हो रहा है, उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है ।
मिज़ोरम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिस्व सर्मा पर हत्या के प्रयास, आपराधिक षड्यन्त्र और अन्य जुर्मों का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया है। उनके साथ असम के 4 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर भी इन्हीं आरोपों में मामला दर्ज किया गया है।