असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा अपने पद पर बने रहने का अधिकार खो चुके हैं। इस पद पर उनका हरेक दिन असम के मुसलमानों को, विशेषकर मियाँ मुसलमानों को पहले से अधिक ख़तरे में डाल रहा है। वे रोज़ इस प्रकार के फ़ैसले कर रहे हैं और बयान दे रहे हैं जो मुसलमान विरोधी हैं। इन बयानों और उनके फ़ैसलों में मुसलमानों के प्रति उनकी घृणा और हिंसा टपकती रहती है। भारतीय जनता पार्टी के दूसरे कई नेता सभ्य दीखने के लिए इस घृणा और हिंसा को अप्रत्यक्ष रूप ज़ाहिर करते हैं। लेकिन पिछले 10 वर्षों में भाजपा में ऐसे नेताओं की संख्या बढ़ती गई है जो अपनी नफ़रत पर पर्दा नहीं डालते। वे लोक लाज की परवाह नहीं करते।