भारत समेत पूरी दुनिया में इन दिनों लैंगिक मसलों पर कई तरह की बहसें हो रही हैं। अंग्रेजी में तो इसे लेकर एक नाम भी है- क्वीर  सिद्धांत और राजनीति (queer theory and politics)। इसका कोई समतुल्य नाम हिंदी में अभी चलन में नहीं आया है क्योंकि अपने यहां ये सवाल उस तरह ताक़तवर ढंग से नहीं उठे हैं जिस तरह पश्चिम में। लेकिन अब, धीरे-धीरे ये मुद्दे उठ रहे हैं। राजेश तिवारी द्वारा लिखित और उनके निर्देशन में श्रीराम सेंटर में हुए नाटक `नारी बीच सारी है कि सारी बीच नारी है’ में लैंगिक विमर्श के ऐसे कई मसले उभरते हैं।