क्या आपको पता है कि 15 फरवरी से फिजी में 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है? इस बात की तरफ ध्यान तब गया जब एक सांसद मित्र ने बताया कि उन्हें उस कार्यक्रम में जाना है। एक समय था जब विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजन चर्चा में रहते थे। हालांकि वह भी कोई रचनात्मक चर्चा नहीं होती थी। चूंकि ऐसे सम्मेलन विदेशों में आयोजित होने लगे थे इसलिए बहुत सारे लेखकों और तथाकथित हिंदी सेवियों को इनमें अपने लिए सरकारी ख़र्च पर मुफ्त विदेश यात्रा का एक अवसर दिखने लगता था। इसलिए बहुत दिन तक साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में यह चर्चा चलती रहती थी कि इस बार सम्मेलन में किन-किन लोगों को ले जाया जा रहा है। अक्सर ऐसी चर्चाएं इस मायूसी के साथ खत्म होती थीं कि इनमें बस सरकारी कृपा प्राप्त लेखक या अफसर या नेता या ऐसे ही लोग चले जा रहे हैं।