चिंतक और स्तंभकार अपूर्वानंद जयपुर गए थे। वहां एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ अधिकारी और उनके बीच जो वार्तालाप हुआ, वही इस लेख की जमीन है। खाकीवाले से वो बातचीत क्या थी और उसके बाद अपूर्वानंद के विचारों की जो चाशनी बनी है, पेश है। पढ़िएः
फिजी में विश्व हिन्दी सम्मेलन आयोजित करके एक बार फिर औपचारिकता पूरी की जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन ने अपने देश में हिन्दी की दुर्दशा पर नजर डाली है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज 19 दिसंबर को अलवर में आयोजित रैली में कहा कि बीजेपी नेता अपने बेटे-बेटियों को अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ाते हैं और वे चाहते हैं कि गरीब मजदूर, किसान के बेटे-बेटियां हिन्दी मीडियम से पढ़ें। लेकिन हिन्दी नहीं चलेगी, अंग्रेजी चलेगी। पूरी दुनिया में अंग्रेजी ही तरक्की का माध्यम है। पूरी रिपोर्टः
मंगलेश डबराल ने क्यों लिखा कि हिंदी में कविता, कहानी, उपन्यास बहुत लिखे जा रहे हैं, लेकिन सच यह है कि इन सबकी मृत्यु हो चुकी है...इस भाषा में लिखने की मुझे बहुत ग्लानि है?