समाज में कई तरह के नाटक होते हैं। कुछ लोगों के लिए नाटक कलात्मक अभिव्यक्ति है और वे इसमें सच और सौंदर्य़ का अनुसंधान करते हैं। पर कुछ निर्दशक अपने नाटकों में  समाज या देश के किसी महापुरुष की महिमा या शौर्यगाथा को दिखाते है।  वैसे ये भी रंगमंचीय अभिव्यक्ति का एक माध्यम हैं। पिछले दिनों दिल्ली के श्रीराम सेंटर में युवा रंगकर्मी व निर्देशक वरुण शर्मा के निर्देशन में हुआ `छत्रपति शिवाजी महाराज’  नाटक इसी दूसरी श्रेणी के तहत आता है जिसमें मराठा वीर शिवाजी के जीवन के कुछ अध्याय मंच पर दिखाए गए।