हिंदी रंगमंच कई तरह के संकटों से लगातार जूझता रहा है और इनमें तीन संकट तो कई दशकों से मौजूद हैं- पहला है कि दर्शक नहीं है (यानी कम हैं), दूसरा है ऑडिटोरियम मंहगे हैं, तीसरा है अभिनेता लंबे समय तक नहीं टिकते यानी फिल्मों या टीवी/ वेबसीरिज में काम करने के लिए मुबंई भाग जाते हैं। पर दिल्ली के हिंदी रंगमंच पर अब चौथा संकट आ गया है कर यानी टैक्स का। कर बोझ का।