रंगमंच, संगीत, नृत्य या दूसरे सांस्कृतिक आयोजनों के लिए इस पोर्टल पर आवेदन देना होगा और हर प्रस्तुति के लिए एक हजार रुपए का शुल्क देना होगा। क्या इस नियम के बाद पहले से ही तंग रंगमंच कैसे भार सह पाएगा?
यह जरुरी है कि आयकर की जगह व्ययकर या जायकर लगाया जाए। जायकर मतलब उस पैसे पर कर लगाया जाए जो अपनी जेब से बाहर जाता है। आनेवाला पैसा करमुक्त हो और जानेवाला करयुक्त हो।