Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की हुई मुलाक़ात । पुतिन बोले - हम भारत को बड़ी शक्ति और एक परखा हुए दोस्त मानते हैं
पिछले साल तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए विदेशियों को तो बरी कर दिया गया था, लेकिन जिन लोगों पर ऐसे लोगों को शरण देने का आरोप था उसमें पुलिस ने क्या जाँच की?
कोरोना के भयंकर प्रकोप के बीच कुंभ में लाखों लोगों के जुटने पर भी शोर क्यों नहीं ? क्या एक धर्म विशेष ही फैलाता है कोरोना ? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट-
सरकार के दोनों हलफ़नामों से साफ़ है कि वह दोषी मीडिया संस्थानों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करना चाहती। क्या इसलिए कि वे उसकी विचारधारा को आगे बढ़ाते हैं? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने तबलीग़ी ज़मात से जुड़ी मीडिया रिपोर्टिंग पर केंद्र सरकार के रवैए पर उसे फटकारा है। उसने सरकार की ओर से दायर हलफ़नामे पर सवाल उठाया और टीवी चैनलों की ख़बरों के नियमन के लिए कुछ करने की बात भी कही है।
तबलीग़ी जमात की एक याचिका की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि एक जूनियर अफ़सर से हलफ़नामा दाखिल करा कर उसने अदालत के साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया है।
पिछले हफ़्ते ही बॉम्बे हाई कोर्ट का विदेशी तब्लीग़ियों के पक्ष में फ़ैसला आने के बाद अब दिल्ली की एक अदालत ने तब्लीग़ी जमात के आठ सदस्यों को रिहा करते हुए कहा है कि इनके ख़िलाफ़ 'प्रथम दृष्टया कोई भी सबूत नहीं' है।
भारत में कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में तब्लीग़ी जमात को लेकर ख़ूब शोर मचा था, उसे लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने कहा है कि तब्लीग़ी जमात में विदेश से आए लोगों को 'बलि का बकरा’ बनाया गया।
बाम्बे हाईकोर्ट ने विदेशी तबलीग़ियों के ख़िलाफ़ एफआईआर रद्द करते हुए कहा है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया। कोर्ट ने मीडिया को दुष्प्रचार करने के लिए फटकार लगाई है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट। Satya Hindi
भारत में कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों में जिस इसलामिक दीनी संगठन तब्लीग़ी जमात को लेकर खूब शोर मचा, उसे लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने बेहद अहम टिप्पणी की है।