दिल्ली हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की एक के बाद एक दाखिल हो रही चार्जशीट रोज़ नए खुलासे कर रही है। मगर असली खुलासा स्पेशल सेल द्वारा दाखिल होने वाली चार्जशीट में देखा जा सकेगा। दिल्ली हिंसा के एक अहम हिस्से की जाँच स्पेशल सेल के पास है। गुरुवार को दाखिल की गई चार्जशीट में भी दो खुलासे हैं। पहला खुलासा हिंसा के लिए बने वाट्सऐप ग्रुप का है और दूसरा खुलासा दिल्ली हिंसा का संबंध तब्लीग़ी जमात से होने के संकेत का है। गुरुवार को दाखिल दो चार्जशीट में पुलिस ने गोकुलपुरी हिंसा और दिलबर नेगी हत्या को लेकर जाँच की कड़ी दर कड़ी का खुलासा किया है। अनौपचारिक सूत्रों की मानें तो पुलिस की जाँच लगातार जारी है और जाँच के दायरे में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा भी हैं। यह बात दीगर है कि अभी उनके गिरेबान तक हाथ नहीं पहुँचे हैं। लेकिन किसी चार्जशीट का हिस्सा अगर वो भी बनें तो कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी।
तब्लीग़ी कनेक्शन
पुलिस जाँच में पता चला कि जाकिर नगर निवासी 53 वर्षीय अब्दुल अलीम नाम का शख्स मौलाना साद का ख़ास था। उसे तब्लीग़ी जमात में एक ओहदा भी प्राप्त था। तब्लीग़ी जमात के प्रमुख मौलाना साद फ़रवरी में ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से देश-विदेश के मुसलमानों को एक धार्मिक मक़सद के लिए एकत्रित करने के बाद कोरोना महामारी के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए चर्चा में हैं। जमात के 900 से अधिक लोगों को पुलिस पहले ही आरोपी बना चुकी है। पुलिस के मुताबिक़ मरकज़ में तब्लीग़ी जमात के लोगों को एकत्रित करने में अब्दुल अलीम का भी खास योगदान था।
जाँच में यह सामने आया है कि दिल्ली हिंसा के दौरान अब्दुल अहीम और फ़ैसल फ़ारूक़ी लगातार संपर्क में थे। ग़ौरतलब है कि फ़ैसल फ़ारूक़ी को राजधानी पब्लिक स्कूल मामले में बुधवार को दाखिल चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है। पुलिस के मुताबिक़ फ़ैसल ने दिल्ली हिंसा में मुख्य भूमिका निभाई थी।
पुलिस को शक है कि अब्दुल अहीम ने फ़ैसल को साधन मुहैया कराए थे। हालाँकि तब्लीग़ी के वकील ने इसे ग़लत क़रार दिया है।
125 लोगों का वाट्सऐप ग्रुप
गोकुलपुरी में हिंसा मामले में गुरुवार को दो चार्जशीट दाखिल की गई। यह चार्जशीट गोकुलपुरी इलाक़े के नाले से बरामद 4 शवों के मामले में दाखिल की गई है। इस मामले में गोकुलपुरी थाने में 4 एफ़आईआर दर्ज हुई थी। इनमें से 2 एफ़आईआर पर आज चार्जशीट दाखिल की गई।
इसके मुताबिक़ 25 और 26 फ़रवरी को गोकुलपुरी इलाक़े में हिंसा हुई थी। जाँच के दौरान क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली कि 25 फ़रवरी की रात को एक वाट्सऐप ग्रुप बनाया गया था। ये वो समय था जब हिंसा चरम पर थी। इस वाट्सऐप ग्रुप में 125 लोग थे। इस वाट्सऐप ग्रुप के 2 सदस्य क्राइम ब्रांच की जाँच में शामिल हुए। इन दोनों सदस्यों के मोबाइल फ़ोन की जाँच की गयी। जाँच में मालूम चला कि इस ग्रुप के कुछ सदस्य केवल मैसेज भेज रहे थे, बाक़ी सदस्य हिंसा में शामिल थे। 27 फ़रवरी को इस ग्रुप के 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 11 लोगों को फिर गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपी फ़िलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
दिलबर नेगी हत्याकांड
गुरुवार को दाखिल दूसरी चार्जशीट दिलबर नेगी हत्या के मामले में है। मृतक दिलबर नेगी अनिल स्वीट्स में काम करते थे और अनिल स्वीट्स के गोदाम में दोपहर के वक़्त खाना खाने के लिए गए थे जिसके बाद से दिलबर नेगी लापता थे। अनिल स्वीट्स और उसका गोदाम बुरी तरह जला दिया गया था। पुलिस को 26 फ़रवरी को जानकारी मिली कि अनिल स्वीट्स के गोदाम में एक शव बहुत ख़राब स्थिति में मिली है। जाँच के बाद मालूम हुआ कि यह लाश दिलबर नेगी की है। 12 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी सीसीटीवी फ़ुटेज की जाँच के आधार पर की गई थी। सभी आरोपी फ़िलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
चार्जशीट 70 पेजों की है। चार्जशीट के मुताबिक़, इस मामले में क़रीब 50 लोग गवाह हैं। मुख्य आरोपी शहनवाज व उसके साथी सलमान और सोनू सैफी समेत 12 लोग आरोपी हैं। दिलबर नेगी की पीट-पीट कर हत्या करने के बाद उसे पेट्रोल डालकर जला दिया गया था।
साज़िश रचने की चार्जशीट अभी बाक़ी
दिल्ली हिंसा के मामले में दाखिल की जा रही चार्जशीट घटनाओं को लेकर है। दरअसल, दिल्ली के नवनियुक्त सीपी के निर्देश पर दिल्ली हिंसा की जाँच को दो भागों में बाँटा गया था। पहला भाग घटनाओं की जाँच को लेकर था। इस मामले को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच देख रही है। इसका दूसरा भाग हिंसा की साज़िश का था जिसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल जाँच कर रही है। इसीलिए आपने देखा होगा कि मंगलवार को जाफराबाद हिंसा और ताहिर हुसैन मामले की चार्जशीट दाखिल हुई थी।
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