अपने देश में जब-जब भी न्यायपालिका को लेकर लोगों का भरोसा डिगने लगता है और वे हताश-निराश होने लगते हैं, तब-तब न्यायपालिका के किसी न किसी हिस्से से ऐसी कोई आवाज़ आ जाती है, जो आश्वस्त करती है कि अभी सब कुछ ख़त्म नहीं हुआ है। इन दिनों कई मामलों को लेकर देश की न्यायपालिका की कार्यशैली पर उठ रहे संदेह और सवालों के धुएँ के बीच बॉम्बे हाई कोर्ट का यह फ़ैसला उम्मीद की रोशनी बन कर आया है।
तब्लीग़ी जमात: सरकार और मीडिया को शर्मसार करता है बॉम्बे हाई कोर्ट का फ़ैसला
- विचार
- |
- |
- 25 Aug, 2020

भारत में कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में तब्लीग़ी जमात को लेकर ख़ूब शोर मचा था, उसे लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने कहा है कि तब्लीग़ी जमात में विदेश से आए लोगों को 'बलि का बकरा’ बनाया गया।
भारत में कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में मुसलिम समुदाय के जिस धार्मिक संगठन तब्लीग़ी जमात को लेकर ख़ूब शोर मचा था, उसे लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने बेहद अहम टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम में शिरकत करने विदेश से आए लोगों को कोरोना संक्रमण फैलने के मामले में 'बलि का बकरा’ बनाया गया। अदालत ने इस संबंध में केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और मीडिया के रवैये की सख़्त आलोचना करते हुए विदेश से आए 29 जमातियों के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को भी रद्द कर दिया। यह एफ़आईआर महाराष्ट्र पुलिस द्वारा टूरिस्ट वीज़ा नियमों और शर्तों के कथित तौर पर उल्लंघन को लेकर दर्ज की गई थी।