सऊदी हुकूमत पर ‘टेरर फंडिंग’ के आरोप पहले भले किसी ने लगाया हो लेकिन तब्लीगी जमात पर ‘दहशतगर्दी’ का आरोप कभी किसी ने नहीं लगाया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सऊदी अरब की मौजूदा हुकूमत ने अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों को खुश करने के लिए अपने यहाँ तब्लीगी जमात की गतिविधियों पर पाबंदी लगाई है? क्या यही वजह है कि भारत के दक्षिणपंथी सोच वाले लोग इससे खुश नज़र आ रहे हैं? तब्लीगी जमात पर लगे इस इल्जाम का हस्र चाहे जो हो मगर इतना तो तय है कि ‘इस्लामोफोबिया’ से ग्रस्त लोग दुनिया भर में इससे ज़रूर खुश होंगे।