साउथ अफ़्रीका की क्रिकेट टीम में अभी भी क्विंटन डि कॉक जैसे खिलाड़ी हैं जो अपनी गोरी चमड़ी की वजह से ख़ुद को श्रेष्ठ समझते हैं। यह भारत में होने वाली सामाजिक असमानता की ही तरह है।
दीपिका कुमारी ने हाल ही में तीरंदाज़ी में बेहतरीन प्रदर्शन किया और कई स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीता। इस जीत के बाद दीपिका की जाति को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई कइयों में। हर किसी को उन्हें अपनी जाति का बताने की होड़ थी।
यूरो फाइनल में मेज़बान इंग्लैंड की हार के बाद जैसे कुछ फुटबॉलप्रेमी बौखलाए। कई दशकों से इंग्लिश फुटबॉल प्रेमी की छवि उपद्रवी और दंगाई के तौर पर बनी हुई है। क्या भारत में आने वाले ऐसे जातिवाद के ख़िलाफ़ कोहली और बुमराह बोलेंगे?
ब्रिटेन के प्रतिष्ठित अख़बार गार्डियन को ब्रिटेन के राष्ट्रीय अभिलेखागार से एक दस्तावेज़ हाथ लगा जिसमें साफ़ लिखा है कि काले आप्रवासियों या विदेशियों को महारानी एलिज़ाबेथ के यहाँ केवल सेवकों के रूप में तो रखा जाता था, दफ़्तरी कर्मचारियों के रूप में नहीं।
ब्रिटिश राजघराने की एक और बहू ने टेलीविज़न पर इंटरव्यू देकर और उसमें राज परिवार पर गंभीर आरोप लगा कर सनसनी पैदा कर दी है। ब्रिटेन की रानी एलिज़ाबेथ के पोते हैरी की पत्नी मेगन मर्कल ने राज परिवार पर नस्लवाद का आरोप लगाया है।
जिस हिन्दू-मुसलिम नस्लवाद की आग से भारत, बीते कई वर्षों से झुलस रहा है, उसकी लपटें अब खाड़ी के देशों तक पहुँच गयी हैं। इतिहास गवाह है कि नस्लवाद की प्रतिक्रियाएँ होती ही हैं।