सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनलों में नियुक्ति को लेकर फिर से केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की है। इसने सवाल उठाया है कि चुनिंदा नियुक्ति क्यों की जा रही है? पिछले हफ़्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चेताया था कि वह अदालत के धैर्य की परीक्षा न ले।
1975 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने माना था कि इंदिरा गांधी चुनावी गड़बड़ियों की दोषी थीं और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने इस फ़ैसले को बहुत साहसिक बताया है।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन. वी. रमना ने रविवार को नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी के एक कार्यक्रम में कहा कि पुलिस हिरासत में मानवाधिकारों के उल्लंघन की सबसे ज़्यादा आशंका है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की कथित हत्या के मामले में कहा है कि जब निचली अदालतों के जज धमकियों के बारे में शिकायत करते हैं तो सीबीआई और ऐसी ही दूसरी जाँच एजेंसियाँ कोई प्रतिक्रिया नहीं देती हैं।
इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर से कथित जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के लिए देश के सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों सहित 500 लोगों ने मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना को खुला ख़त लिखा है।
पेगासस स्पाइवेयर से कथित जासूसी मामले की जाँच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ़्ते सुनवाई हो सकती है। वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने याचिका को सूचीबद्ध करने के लिए आग्रह किया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने न्यायपालिका को देश के लोकतंत्र का गार्डियन यानी संरक्षक बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि भारत के लोग जानते हैं कि जब चीजें ग़लत होंगी तो न्यायपालिका उनके साथ खड़ी होगी।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने स्वास्थ्य के प्रति सरकार के रवैये के प्रति चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र को सरकार द्वारा प्राथमिकता नहीं दिया जाना एक 'तत्काल चिंता' का विषय है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। CJI रमना : सिर्फ़ सत्ता परिवर्तन तानाशाही से सुरक्षा की गारंटी नहीं। आज से 25.50 रुपये और महंगा हुआ घरेलू LPG सिलेंडर। सुबह तक की ख़बरें-
सरकार द्वारा असहमति की आवाज़ को दबाने के आरोपों के बीच भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने कहा, 'हर कुछ वर्षों में एक बार शासक को बदलने का अधिकार, अपने आप में तानाशाही के ख़िलाफ़ गारंटी नहीं होना चाहिए'।
जस्टिस एन. वी. रमना ने देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। रमना ने शुक्रवार को रिटायर हुए जस्टिस एस. ए. बोबडे की जगह ली है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस एनवी रमना को भारत के अगले सीजेआई के रूप में नियुक्त किया है। वह 24 अप्रैल को पदभार ग्रहण करेंगे और अगले साल यानी 2022 में 26 अगस्त को सेवानिवृत्त होंगे।