राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस एनवी रमना को भारत के अगले सीजेआई यानी भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है। वह 24 अप्रैल को पदभार ग्रहण करेंगे और अगले साल यानी 2022 में 26 अगस्त को सेवानिवृत्त होंगे। जस्टिस रमना देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। मौजूदा सीजेआई एसए बोबडे ने पिछले महीने उनके नाम की सिफारिश की थी। बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं।
इस बारे में क़ानून एवं न्याय मंत्रालय ने आज अधिसूचना जारी कर दी है। जस्टिस रमना भारत के ऐसे दूसरे मुख्य न्यायाधीश होंगे जो आंध्र प्रदेश से हैं। आंध्र प्रदेश से ही न्यायमूर्ति के सुब्बा राव 1966-67 तक भारत के नौवें मुख्य न्यायाधीश थे।
फ़िलहाल जस्टिस रमना सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बोबडे के बाद दूसरे वरिष्ठ जज हैं।
जस्टिस रमना आंध्र प्रदेश में कार्यवाहक और एडिशनल एडवोकेट जनरल के रूप में भी काम कर चुके हैं। उन्हें 27 जून, 2000 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी जज नियुक्त किया गया था।
2013 में जस्टिस रमना दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस बने और इस 17 फरवरी 2017 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया।
जस्टिस रमना ने हाल ही में कहा है कि भारत में अभी भी न्याय पाना कठिन है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के इतने साल बाद भी हम ग़रीबी और न्याय तक पहुंच न होने की कठिनाई से जूझ रहे हैं। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अभी भी लाखों लोग ऐसे हैं जिन्हें उनके मूलभूत अधिकार नहीं मिल सके हैं और हमें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को नहीं भूलना चाहिए।
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