स्वतंत्रता दिवस समारोह में संबोधन के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने संसद में काम करने के तौर-तरीक़ों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि संसद में सही बहस नहीं होना खेदजनक स्थिति है। मुख्य न्यायाधीश का इशारा मौजूदा दौर में संसद की कार्यवाही की ओर लगता है। इस बार बेहद हंगामेदार रहे संसद के मानसून सत्र को समय से पहले अचानक अस्थाई तौर स्थगित कर दिया गया है। इस सत्र में हंगामे की वजह से अब तक 85% से अधिक काम के घंटे बर्बाद हो चुके हैं। दोनों ही सदनों में ठीक से बहस नहीं हुई, इसके बावजूद राज्यसभा में 19 विधेयक पास हो गए।